Rumored Buzz on Shodashi
Wiki Article
The day is noticed with wonderful reverence, as followers visit temples, offer you prayers, and get involved in communal worship occasions like darshans and jagratas.
नवयौवनशोभाढ्यां वन्दे त्रिपुरसुन्दरीम् ॥९॥
Each individual fight that Tripura Sundari fought can be a testomony to her could possibly along with the protective nature with the divine feminine. Her legends proceed to inspire devotion and they are integral into the cultural and spiritual tapestry of Hinduism.
ह्रींमन्त्रान्तैस्त्रिकूटैः स्थिरतरमतिभिर्धार्यमाणां ज्वलन्तीं
Soon after 11 rosaries on the 1st working day of commencing Using the Mantra, you may deliver down the chanting to at least one rosary each day and chant eleven rosaries within the eleventh working day, on the last working day of one's chanting.
ईड्याभिर्नव-विद्रुम-च्छवि-समाभिख्याभिरङ्गी-कृतं
कैलाश पर्वत पर नाना रत्नों से शोभित कल्पवृक्ष के नीचे पुष्पों से शोभित, मुनि, गन्धर्व इत्यादि से सेवित, मणियों से मण्डित के मध्य सुखासन click here में बैठे जगदगुरु भगवान शिव जो चन्द्रमा के अर्ध भाग को शेखर के रूप में धारण किये, हाथ में त्रिशूल और डमरू लिये वृषभ वाहन, जटाधारी, कण्ठ में वासुकी नाथ को लपेटे हुए, शरीर में विभूति लगाये हुए देव नीलकण्ठ त्रिलोचन गजचर्म पहने हुए, शुद्ध स्फटिक के समान, हजारों सूर्यों के समान, गिरजा के अर्द्धांग भूषण, संसार के कारण विश्वरूपी शिव को अपने पूर्ण भक्ति भाव से साष्टांग प्रणाम करते हुए उनके पुत्र मयूर वाहन कार्तिकेय ने पूछा —
ஓம் ஸ்ரீம் ஹ்ரீம் க்லீம் ஐம் ஸௌ: ஓம் ஹ்ரீம் ஸ்ரீம் க ஏ ஐ ல ஹ்ரீம் ஹ ஸ க ஹ ல ஹ்ரீம் ஸ க ல ஹ்ரீம் ஸௌ: ஐம் க்லீம் ஹ்ரீம் ஸ்ரீம்
कामाकर्षिणी कादिभिः स्वर-दले गुप्ताभिधाभिः सदा ।
श्वेतपद्मासनारूढां शुद्धस्फटिकसन्निभाम् ।
प्रणमामि महादेवीं मातृकां परमेश्वरीम् ।
यस्याः शक्तिप्ररोहादविरलममृतं विन्दते योगिवृन्दं
सा देवी कर्मबन्धं मम भवकरणं नाश्यत्वादिशक्तिः ॥३॥
॥ अथ त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः ॥